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    संन्यास नया जन्म है - ओशो

    9:32:00 am 0

      प्रिय योग यशा,          प्रेम।                 नये जन्म पर मेरे शुभाशीष । संन्यास नया जन्म है। स्वयं में, स्वयं से, स्वयं का। वह मृत्यु भी...

    संन्यासी बेटे का गौर - ओशो

    9:20:00 am 0

       प्रिय आनंदमूर्ति,       प्रेम।                 फौलाद के बनो-मिट्टी के होने से अव का नहीं चलेगा। संन्यासी होना प्रभु के सैनिक होना है। मात...

    मिट और जान...खो और पा - ओशो

    9:34:00 am 0

       प्यारी जसू,       प्रेम।                 सूर्य को पाने की अभीप्सा, है, तो जरूर ही पा सकेगी। लेकिन जलने का साहस चाहिए। बिना मिटे प्रकाश नह...

    अनंत की यात्रा पर निकलो - ओशो

    9:35:00 am 0

       प्रिय कृष्ण चैन्तय,       प्रेम।                 तुम्हारे नए जन्म का साक्षी बनाकर आनंदित हूं। तुम्हारे कितने जन्मों का प्रयास था। लेकिन, ...

    नेति, नेति...की साधना - ओशो

    8:14:00 am 0

       प्यारी कुसुम,       प्रेम।                 सत्य क्या है? परिभाषा में जो आ जाता है, कम से कम वह नहीं है। इसलिए, परिभाषाएं छोड़ो। व्याख्या ...