हर नदी सागर की तरफ जा रही है, चाहे दिशा कोई भी हो- ओशो
हर नदी सागर की तरफ जा रही है, चाहे दिशा कोई भी हो- ओशो तुम जब किसी स्त्री के प्रेम में पड़े हो या किसी पुरुष के प्रेम में पड़े हो...
हर नदी सागर की तरफ जा रही है, चाहे दिशा कोई भी हो- ओशो तुम जब किसी स्त्री के प्रेम में पड़े हो या किसी पुरुष के प्रेम में पड़े हो...
तुमसों मन लागो है मोरा -ओशो जो दूसरे कर रहे हैं वैसा ही तुम भी कर रहे हो, तो तुम शायद परमात्मा तक कभी नहीं पहुंच पाओगे। क्योंकि तुम्हारा म...
लोग जीवन को सोचकर नहीं जी रहे हैं, सिर्फ अनुकरण कर रहे हैं अंधा- ओशो और तुम सोचते हो तुम बड़े बुद्धिमान आदमी हो ? तुम बुद्ध हो। ...
आदमी का मन तो बहुत कोमल है, निशान बड़ी जल्दी पड़ जाते हैं- ओशो आदमी का मन तो बहुत कोमल है, मोम की तरह है । निशान बड़ी जल्दी पड़ ...
पाप भी बंधन है, पुण्य भी बंधन है। शुभ भी बंधन है, अशुभ भी बंधन है- ओशो पाप भी बंधन है, पुण्य भी बंधन है। शुभ भी बंधन है, अशुभ भ...
जो पूर्णता से प्यासा होगा उसकी प्रार्थना सुन ली जाती है - ओशो इस जगत् के शाश्वत नियमों में से एक नियम है कि जो पूर्णता से प्यासा होगा उसकी...
गुरु हाथ रखता ही तब है जब तुम पीछा छोड़ते ही नहीं - ओशो मटकी भरी देखकर जगजीवन को होश आया कि कि अपूर्व लोगों को मैं छोड़कर चला आया हूं।...
घबड़ा मत। जरा भी चिंता न कर। जो उसे देता है उसे बहुत मिलता है - ओशो सत्संग चलने लगा । और एक दिन अनूठी घटना घटी। चराने गए थे गाय-बैल क...
जिसने प्रकृति को सुना है वह सद्गुरुओं को भी समझ सकता है - ओशो जब तक तुम खुली रात आकाश के नीचे, घास पर लेटकर तारों को न देखो, तुम्हें प...
आदमी ने स्वं और परमात्मा के बीच एक दीवार खड़ी कर ली है - ओशो लंदन में कुछ वर्षो पहले बच्चों का एक सर्वे किया गया। दस लाख बच्चों ने एक अ...
जहां काव्यशास्त्र है, वहां कविता नहीं - ओशो यह तुमने मजे की बात देखी कि विश्वविद्यालय में जो लोग काव्य पढ़ाते हैं उनसे कविता पैदा नही...
पुराना चर्च - ओशो एक बहुत पुराने नगर में उतना ही पुराना एक चर्च था। वह चर्च इतना पुराना था कि उस चर्च में भीतर जाने में भी प्रार्थना करने ...