आदमी का मन तो बहुत कोमल है, निशान बड़ी जल्दी पड़ जाते हैं- ओशो
आदमी का मन तो बहुत कोमल है, निशान बड़ी जल्दी पड़ जाते हैं- ओशो आदमी का मन तो बहुत कोमल है, मोम की तरह है । निशान बड़ी जल्दी पड़ ...
आदमी का मन तो बहुत कोमल है, निशान बड़ी जल्दी पड़ जाते हैं- ओशो आदमी का मन तो बहुत कोमल है, मोम की तरह है । निशान बड़ी जल्दी पड़ ...
पाप भी बंधन है, पुण्य भी बंधन है। शुभ भी बंधन है, अशुभ भी बंधन है- ओशो पाप भी बंधन है, पुण्य भी बंधन है। शुभ भी बंधन है, अशुभ भ...
जो पूर्णता से प्यासा होगा उसकी प्रार्थना सुन ली जाती है - ओशो इस जगत् के शाश्वत नियमों में से एक नियम है कि जो पूर्णता से प्यासा होगा उसकी...
गुरु हाथ रखता ही तब है जब तुम पीछा छोड़ते ही नहीं - ओशो मटकी भरी देखकर जगजीवन को होश आया कि कि अपूर्व लोगों को मैं छोड़कर चला आया हूं।...
घबड़ा मत। जरा भी चिंता न कर। जो उसे देता है उसे बहुत मिलता है - ओशो सत्संग चलने लगा । और एक दिन अनूठी घटना घटी। चराने गए थे गाय-बैल क...
जिसने प्रकृति को सुना है वह सद्गुरुओं को भी समझ सकता है - ओशो जब तक तुम खुली रात आकाश के नीचे, घास पर लेटकर तारों को न देखो, तुम्हें प...
आदमी ने स्वं और परमात्मा के बीच एक दीवार खड़ी कर ली है - ओशो लंदन में कुछ वर्षो पहले बच्चों का एक सर्वे किया गया। दस लाख बच्चों ने एक अ...
जहां काव्यशास्त्र है, वहां कविता नहीं - ओशो यह तुमने मजे की बात देखी कि विश्वविद्यालय में जो लोग काव्य पढ़ाते हैं उनसे कविता पैदा नही...
जो विश्वविद्यालय से बचे, वे परमात्मा तक पहुंचे - ओशो जगजीवन - पढ़े लिखे लोग हैं। ये निपट गंवार हैं, ग्रामीण हैं । सभ्यता का, शिक्षा का, संस...
कागज़ कोरा हो तो परमात्मा लिख सके - ओशो हां, उपनिषद मुझे याद हैं लेकिन वे मेरे उपनिषद् नहीं हैं; वे मेरे भीतर उमगे नहीं हैं। जैसे किस...
परमात्मा की तरफ जाना हो तो निर्भार होना जरूरी है जैसे कोई पहाड़ चढ़ता है तो जैसे-जैसे चढ़ाई बढ़ने लगती है वैसे-वैसे भार भारी ...
पुराना चर्च - ओशो एक बहुत पुराने नगर में उतना ही पुराना एक चर्च था। वह चर्च इतना पुराना था कि उस चर्च में भीतर जाने में भी प्रार्थना करने ...