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    जिन लोगों के कारण यह मनुष्यता ऊपर उठ सकती थी उनको हमने मनुष्यता के बाहर कर दिया - ओशो

     
    We have removed the people because of which this humanity could rise up - Osho

    जिन लोगों के कारण यह मनुष्यता ऊपर उठ सकती थी उनको हमने मनुष्यता के बाहर कर दिया - ओशो 

    हिंदुस्तान ने अपने सब श्रेष्ठ पुरुषों को भगवान बना कर बिठाल दिया, इसलिए हिंदुस्तान का आदमी श्रेष्ठ नहीं हो सका। हिंदुस्तान के आदमी को देखते हैं? जहां इतने बड़े लोग हुए वहां का आदमी इतना छोटा और दीनहीन क्यों है? कभी इस पर कोई विचार किया आपने? जहां महावीर होते हों, जहां बुद्ध चरण रखते हों, जहां गांधी जैसे अदभुत आदमी के फूल खिलते हों, जहां करोड़ों-अरबों अदभुत लोग पैदा हुए हों, वहां की मनुष्यता की क्या हालत है! वहां का मनुष्य कैसा दीन-हीन और जमीन पर रेंगता हुआ है! हमको शर्म भी नहीं आती जब हम कहते हैं कि हम बुद्ध, महावीर और कृष्ण और राम के देश के लोग हैं! हमको शर्म भी नहीं आती। हमें देख कर शक होता है कि न कभी राम हए होंगे, न कभी बुद्ध हए होंगे, न कभी कृष्ण हुए होंगे। हमें देख कर सबूत नहीं मिलता उनके होने का। हमें देख कर ऐसा लगता है कि ये सब कहानियां हैं मनगढंत। हमें देख कर क्या सबूत मिलता है? हमें देख कर सबूत मिलता है कि महावीर पैदा हए होंगे हमारे बीच? नहीं साहब, महावीर की वजह से आप बड़े नहीं हो सकते, आपकी वजह से महावीर छोटे हो सकते हैं; क्योंकि आप बहुत हैं, महावीर बिलकुल एक हैं। 

            लेकिन यह दुर्भाग्य कैसे हुआ ? यह दुर्भाग्य ऐसे हुआ कि जिन लोगों के कारण यह मनुष्यता ऊपर उठ सकती थी उनको हमने मनुष्यता के बाहर कर दिया। और तब हम अपनी मनुष्यता के घेरे में छोटे रहने में सुखी हो गए, हम छोटे रहने में तृप्त हो गए, छोटा रहना हमारी नियति हो गई। कुछ लोगों का बड़ा होना नियति है, हमारा छोटा होना नियति है। हिंदुस्तान को अपने सब भगवानों को नीचे उतार कर मनुष्य की भूमि पर खड़ा करना पड़ेगा। महावीर को उतार लाना पड़ेगा अपने बीच कि वे हमारी भीड़ में खड़े हो जाएं। इससे महावीर छोटे नहीं होंगे, इससे हमारे बड़े होने की संभावना बढ़ती है।

     - ओशो 

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