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    हिंदुस्तान के सारे जगत में पिछड़ जाने के बुनियादी कारण - ओशो

     
    Fundamental reasons for India to lag behind in the whole world - Osho

    हिंदुस्तान के सारे जगत में पिछड़ जाने के बुनियादी कारण - ओशो 

    हिंदुस्तान के सारे जगत में पिछड़ जाने के बुनियादी कारणों में से एक कारण यह है। दुनिया में किसी कौम ने अपने उत्तर तैयार नहीं रखे हैं। उन्होंने उत्तर छोड़ने शुरू कर दिए हैं, वे नए उत्तर की खोज में हैं। और हम? हमें जब भी जिंदगी में सवाल उठेगा, भागेंगे फौरन कृष्ण के पास, भागेंगे फौरन महावीर के पास कि क्या है उत्तर। हमारी अपनी कोई आत्मा नहीं है? हमारे पास अपना कोई विकासशील चित्त नहीं है? हमारे देश के पास अपनी कोई क्षमता नहीं है कि हम जिंदगी को समझें और जवाब दें? नहीं, लेकिन इसमें डर रहता है, नए उत्तर में डर रहता है, भूल हो सकती है। पुराने उत्तर में कोई डर नहीं रहता, भूल नहीं होती। लेकिन ध्यान रखें कि जो कौम भूल करने की क्षमता खो देती है वह कौम मर जाती है। भूल करने की क्षमता जीवन का लक्षण है। इसलिए मैं कहता हूं कि रोज भूल करना, भूल करने से मत डरना। हां, एक ही भूल दोबारा मत करना, क्योंकि बंधी हुई भूल भी बंधा हुआ उत्तर हो जाती है। 

            जिंदगी तो एक एडवेंचर है, एक खोज है, एक साहस की खोज है, एक अभियान है, जहां बहुत भूलें होंगी। भूलों से हम सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। अगर हमने भूलें ही नहीं की तो फिर हम सीखेंगे नहीं और आगे नहीं बढ़ेंगे। और इसलिए हम सुरक्षा चाहने वाले लोग किसी को पकड़ लेते हैं और कहते हैं, तुम्हारे उत्तर सदा के लिए हो गए, अब हम दोबारा नए उत्तर न खोजेंगे। नए उत्तरों में खतरा रहता है, असुरक्षा रहती है, भूल हो सकती है। महात्मा का दिया हुआ उत्तर है, इसको जोर से पकड़ लो। महात्माओं के दिए ताबीज हम पकड़ते थे, वह इतना खतरनाक नहीं था; क्योंकि महात्माओं के ताबीज बिलकुल बेकार हैं उनसे कोई खतरा नहीं है। लेकिन महात्माओं के दिए उत्तर अगर मुल्क ने पकड़े तो मुल्क का विकास अवरुद्ध हो जाएगा; मुल्क आगे नहीं जा सकता है।

     - ओशो 

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