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    भारत एक अतीत-उन्मुखी देश - ओशो

    India a past-oriented country - Osho


     भारत एक अतीत-उन्मुखी देश  - ओशो 

    भारत एक मरा हुआ देश है। हमारा जो अस्तित्व है वह पोस्थुमस है, मरने के बाद का है। हम हजारों साल से मुर्दे की तरह जी रहे हैं। हमने जिंदगी की धारा खो दी है। रूस के बच्चों से पूछो जाकर कि क्या कर रहे हो? तो बच्चे सोच रहे हैं कि चांद पर कैसे बस्ती बसाएं। अमरीका के बच्चों से पूछो, तो वे सोच रहे हैं कि अंतरिक्ष में कैसे उपनिवेश बसेंगे। और हमारे बच्चों से? हमारे बच्चे रामलीला देख रहे हैं! आंख पीछे की तरफ लगी है। राम बहुत प्यारे हैं, लेकिन रामलीला देख कर जो कौम रुक जाती है, वह मर जाती है। अभी और रामलीलाएं होंगी। अभी भविष्य में और राम पैदा होंगे, पुराने रामों से बहुत नए। भगवान थक नहीं गया है। और भगवान और नए राम पैदा करेगा। और भगवान कभी भी पुरानी चीज को दोहराता नहीं, हमेशा श्रेष्ठतर को पैदा करता चला जाता है। अभी और रामलीलाएं होंगी अंतरिक्ष के न मालूम किन तारों पर, न मालूम किन ग्रहों पर! लेकिन वे रामलीलाएं अमरीका और रूस के बच्चे देखेंगे। हमारे बच्चों को वह सौभाग्य नहीं मिल सकता है। हमारे बच्चे तो तृप्त हैं, अतीत की रामलीला को देख कर ही शांत हो जाते हैं। 

            मैं चाहता हूं, यह अतीत-उन्मुखी देश भविष्य-उन्मुखी हो जाए। मैं चाहता हूं, ये आंखें जो पीछे की तरफ जकड़ कर खड़ी रह गई हैं, ये आगे की तरफ देखने लगें।। भगवान ने बड़ी गलती की है कि हमारी आंखें आगे की तरफ लगाईं। अगर वह चंथी पर पीछे लगा देता तो हम बड़े खुश होते, क्योंकि आगे हमको देखना नहीं, हम तो पीछे की, रास्तों की उड़ती धूल को देखते हैं--उन रथों को जो निकल चुके, उन कथाओं को जो हो चुकीं। वह सब जो हो चुका वही हमारी आंखों में है, जो होने को है वह हमारी आंखों में नहीं है। कब तक हम पीछे को पकड़ कर रुके रहेंगे? गांधी हो चुके, अब उनको पकड़ कर रुकने का मतलब फिर वही रामलीला पर रुक जाने का मतलब होगा।

            नहीं, हम और गांधी पैदा करेंगे, हम और राम पैदा करेंगे, हम और महावीर पैदा करेंगे; हमारी आत्मा चुक नहीं गई है, हमारे पास अभी पैदा करने की क्षमता बहुत है। हम पीछे नहीं रुकेंगे, हम आगे की तरफ उन्मुख होंगे। जब मैं यह कहता हूं तो लोग समझते हैं, शायद मैं जो पीछे हो चुके उनका दुश्मन हूं। मैं उनका दुश्मन नहीं हूं। आप हैं उनके दुश्मन जो उनको पकड़ लेते हैं; क्योंकि उनको पकड़ने की वजह से वे लोग और पैदा हो सकते थे वे अब पैदा नहीं हो पाते। भविष्य की तरफ चाहिए दृष्टि।

    - ओशो 

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