इथोपिया की बीमारी - ओशो
इथोपिया की बीमारी - ओशो
इथोपिया में लोग बहुत-सी बीमारियों से मरते हैं जो बीमारियां दूसरे मुल्कों में समाप्त हो गई हैं। इथोपिया का सम्राट हेल सिलासी अमरीका से एक छोटा-सा आयोग बुलाया डाक्टरों का जांच-पड़ताल के लिए इथोपिया में कि । वहां की बीमारियों को कैसे रोका जा सके। उन्होंने जांच-पड़ताल की और रिपोर्ट दी। और रिपोर्ट में लिखा कि इथोपिया के लोग जो पानी पीते हैं वह बहत ही संक्रामक कीटाणुओं से भरा हआ है। और इथोपिया में लोग सड़क के किनारे गड्ढों में जो पानी भर जाता है वर्षा का, उसको भी पीने के काम में ले आते हैं। उसमें जानवर स्नान भी करते रहते हैं, पीते भी रहते हैं, और लोग भी उसको पी लेते हैं।
उस कमीशन ने कहा कि अगर शुद्ध पानी पिलाने की चिंता की जाए तो इथोपिया की बहुत-सी बीमारियां विदा हो स सम्राट ने उस कमीशन के आयोग की जो रिपोर्ट थी उसे रख कर कहा कि आपकी खोज के लिए धन्यवाद! लेकिन यह काम मैं कभी करूंगा नहीं। आयोग ने कहा, आप क्या कह रहे हैं? लोग मर कहा कि पहले मैं उन्हें बचाने का इंतजाम करूं और कल फिर उन्हें समझाने जाऊं कि बच्चे पैदा मत करो! यह झंझट दोहरी हो जाएगी। इधर मैं बचाऊं उनको बीमारी से और उधर बच्चे बढ़ेंगे, और कल फिर जगह-जगह लिखना पड़ेगा: कम बच्चे होते हैं अच्छे। उस सबकी पंचायत में मैं नहीं पइंगा।
- ओशो
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