• Recent

    लाख वाले आदमी के पास दिल होता ही नहीं - ओशो

    A man with a million does not have a heart - Osho


     लाख वाले आदमी के पास दिल होता ही नहीं - ओशो 

    एक फकीर था, मुसलमान फकीर, हसन। वह एक छोटे-से झोपड़े में रहता था। उस झोपड़े में इतनी थोड़ी जगह थी कि हसन और उसकी पत्नी, बस दो ही सो पाते थे। रात सोए थे, वर्षा की रात थी, अंधेरी रात थी। कोई आधी रात किसी आदमी ने आकर दरवाजा खटखटाया। तो हसन ने अपनी पत्नी से कहा, दरवाजा खोल! मालूम होता है कोई भटक गया राहगीर है। उसकी पत्नी ने कहा, देखते नहीं हैं, यहां जगह कहां है दो से ज्यादा के लिए! उस फकीर ने कहा, पागल, यह कोई अमीर का महल नहीं है कि जगह कम पड़ जाए। यह गरीब की झोपड़ी है। अमीर के महल छोटे होते हैं, गरीब की झोपड़ी तो बड़ी होती है। अमीर का महल नहीं है यह कोई कि जगह कम पड़ जाए, यह गरीब की झोपड़ी है। अभी हम दो लेटे थे, अब हम तीन बैठेंगे। जगह काफी हो जाएगी। दरवाजा खोल। द्वार आया हुआ आदमी वापस लौट जाए? दरवाजा खोल दिया। वह आदमी आकर बैठ गया। वे दोनों उठ कर बैठ गए, तीनों बैठ कर गप-शप करने लगे। 

            दरवाजा अटका है। फिर दो आदमी आए और दरवाजा खटखटाया। तो वह जो मेहमान आकर बाहर बैठा था किनारे पर, उससे हसन ने कहा, दरवाजा खोल मित्र जल्दी। उस आदमी ने कहा, आप कहते क्या हैं! यहां जगह बहुत कम है। उसने कहा कि जगह कम है? अगर जगह कम होती तो तू अंदर कैसे आ पाता? जगह यहां बहुत ज्यादा है। उसने कहा, देखते नहीं हो, मुश्किल से हम तीन बैठे हुए हैं! हसन ने कहा, अभी हम बैठे हैं, फिर हम खड़े हो जाएंगे। लेकिन यह गरीब की झोपड़ी है, इसमें जगह कभी कम होती ही नहीं। दरवाजा खोल देना पड़ा, वे दो आदमी भीतर आ गए। वे पांचों खड़े होकर बातचीत करने लगे। 

            और तभी एक गधे ने आकर, वर्षा में भीगे हए एक गधे ने आकर द्वार खटखटाया, सिर मारा। हसन ने द्वार पर खड़े आदमी से कहा, मित्र, दरवाजा खोल, कोई अतिथि आया है। उसने कहा, कोई अतिथि नहीं है, यह गधा है। उसने कहा, तुझे पता नहीं है, यह गरीब आदमी का झोपड़ा है, यहां गधे के साथ भी आदमी होता है। अमीर के महल पर आदमी से भी गधे जैसा व्यवहार होता है। यह तो गरीब का झोपड़ा है, यहां तो हम गधे से भी आदमी जैसा व्यवहार करते हैं। अमीर के मकान की बात अलग है, वहां तो आदमी से भी गधे जैसा व्यवहार होता है। दरवाजा खोल! अभी हम दूर-दूर खड़े हैं, अब हम पास-पास खड़े हो जाएंगे। लेकिन यह गरीब की झोपड़ी छोटी नहीं पड़ सकती है। अगर बहुत जरूरत पड़ी तो मैं अलग हो जाऊंगा, पत्नी मेरी बाहर हो जाएगी। लेकिन जब तक हमसे हो सकेगा, हम इसे बड़ा करते रहेंगे। 

            आप लाख पर विचार करते हैं तो परेशानी हो जाती है। लाख वाले आदमी के पास दिल होता ही नहीं। उसके पास दिल बड़ा छोटा हो जाता है। इसलिए उसकी बहुत चिंता न करें, उसकी बहुत चिंता न करें। लाख वाले के पास बड़ा दिल होगा तो वहां से लाख आ जाएंगे। नहीं तो रुपए वाले का दिल अब भी बड़ा है, इसमें कोई बहुत कठिनाई नहीं है। वह हो सकेगा। हिम्मत से उस काम में आप लगते हैं, तो उसके हो जाने में कोई कठिनाई नहीं है।

    - ओशो 

    कोई टिप्पणी नहीं