आदमी और आदमी के बीच जगह चाहिए - ओशो
आदमी और आदमी के बीच जगह चाहिए - ओशो
सारी दुनिया जिस तकलीफ में खड़ी है आज, वह है कि आदमी और आदमी के बीच जगह चाहिए। अगर जगह खत्म हो जाएगी तो बड़ा मुश्किल हो जाएगा। चूहों पर बहुत प्रयोग हुए हैं। बड़े अदभुत अनुभव हुए हैं। अनुभव ये हैं कि एक चूहे को भी रहने के लिए जगह चाहिए। रहने के लिए ही नहीं सिर्फ, दुसरे चूहे और उसके बीच में एक खास फासला चाहिए। कभी-कभी मिलें, मुलाकात हो, फिर अलग हो जाएं, नहीं तो कठिनाई हो जाती है।
तो चूहों की लिविंग स्पेस को कम करके बहुत प्रयोग किए गए हैं। और पाया गया कि कितने चूहे इकट्ठे रख दिए जाएं एक कमरे में तो चूहे पागल होने शुरू हो जाते हैं; और कितने चूहे कम किए जाएं तो वे स्वस्थ होने शुरू हो जाते हैं। जंगल में जाकर आपको जो अच्छा लगता है उसका कारण जंगल कम, दूसरे लोगों का न होना ज्यादा है। पहाड़ पर जाकर आपको अच्छा लगता है उसका कारण पहाड़ कम, वह दि अदर, वह दूसरा नहीं है आंख गड़ाए हुए कि आपके कपड़ों के भीतर देख रहा है चारों तरफ से; चारों तरफ आंखें ही आंखें घेरे हुए हैं; वे नहीं हैं वहां, आप हल्के हो पाते हैं, आप लेट पाते हैं, जो आपको करना होता है कर पाते हैं। वह असंभव हुआ जा रहा है।
- ओशो
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