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    विज्ञान के स्नातकों से देश नहीं बदलेगा, वैज्ञानिक चित्त से देश बदलेगा - ओशो

    Science graduates will not change the country, scientific mind will change the country - Osho


    विज्ञान के स्नातकों से देश नहीं बदलेगा, वैज्ञानिक चित्त से देश बदलेगा - ओशो 

    हम हिंदुस्तान में एक बड़ी भूल में पड़ रहे हैं। हिंदुस्तान को साइंटिफिक माइंड की जरूरत है और हम सोच रहे हैं कि हम यूनिवर्सिटीज से साइंस के ग्रेजुएट निकाल कर काम पूरा कर लेंगे। वह पूरा नहीं होने वाला है। क्योंकि वह जो साइंस का ग्रेजुएट है वह भी यूनिवर्सिटी से निकल कर घोड़े पर बैठ कर दूल्हा बन जाता है। वह भी बैंड-बाजा बजवाता हुआ शादी करने चला जाता है। वह भी जन्मकुंडली दिखा कर तिथि निकलवा लेता है। वह भी हाथ की रेखा दिखलवा कर पूछता है कि परीक्षा में पास होऊंगा कि नहीं? धन मिलेगा कि नहीं? तो यह जो आदमी है, यह स्नातक हो जाएगा, यह विज्ञान की परीक्षा पास कर लेगा, लेकिन वैज्ञानिक? वैज्ञानिक होना बहुत दूसरी बात है। और विज्ञान के स्नातकों से देश नहीं बदलेगा, वैज्ञानिक चित्त से देश बदलेगा। वैज्ञानिक चित्त का मतलब है, तर्क करने वाला चित्त, प्रश्न पूछने वाला चित्त--जल्दी से उत्तर मान लेने वाला चित्त नहीं--जब तक पूछ सके पूछने वाला चित्त, पूछता ही जाने वाला चित्त। लेकिन हमने हजारों साल से ऐसे चित्त की गर्दन काट दी है।

    - ओशो 

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