स्वर्ग ज्याग्राफी में नहीं हैं, साइकोलाजी में हैं - ओशो
प्रश्न - ओशो , लोग कहते हैं कि हम बुरा कर्म करते हैं तो बुरा परि णाम मिलेगा। अच्छा काम करेंगे तो अच्छा परिणाम मिलेगा?
ओशो -
इसी संदर्भ में आपने पूछा है, लोग कहते हैं कि हम बुरा कर्म करते हैं तो बुरा परि णाम मिलेगा। अच्छा काम करेंगे तो अच्छा परिणाम मिलेगा।
यह जो हम सोचते हैं, मिलेगा,फ्यूचर की भाषा में, यह गलत है। हमने बुरा काम ि कया, उसी क्षण बुरा हो गया। कुछ आगे नहीं मिलेगा। उसी क्षण, हमारे भीतर कु छ बूरा हो गया। हमने कुछ भला किया, उसी क्षण हमारे भीतर कुछ भला हो गया । हम अपने को कांसटेंटली क्रियेट कर हरे हैं, हमारा प्रत्येक कर्म हमको बना रहा है। बनायेगा नहीं, इसी क्षण बना रहा है। हम जिसको जीवन कहते हैं वह जीवन ह नहीं है, वह एक सेल्फ क्रियेशन भी है। वह जो हम कर रहे हैं, उससे हम बन र हे हैं। हमारे भीतर कुछ बन रहा है, कुछ घना हो रहा है। कुछ अपने ही भीतर हम अपने चैतन्य का निर्माण कर रहे हैं, उससे हम बन रहे हैं। हमारे भीतर कुछ बन रहा है, कुछ घना हो रहा है। कुछ अपने ही भीतर हम अपने चैतन्य का निर्माण क र रहे हैं। तो हम जो-जो कर रहे हैं, ठीक उसके अनुकूल या उसके जैसा हमारे भी तर कुछ बनता चला जा रहा है।
लोग कहते हैं कि आप नरक में चले जायेंगे या स्वर्ग में चले जायेंगे कुछ इस तरह की बात करते हैं कि स्वर्ग और नरक, भूगोल में, ज्याग्रांफी में कहीं होंगे। लोग जि स तरह की बात करते हैं, मैं ऐसी बात नहीं करता। नरक और स्वर्ग ज्याग्राफी में नहीं हैं, साइकोलाजी में हैं। वह भौगोलिक धारणाएं नहीं है, मानसिक धारणाएं हैं! जब आप बुरा करते हैं, उसी क्षण नरक में चले जाते हैं।
मैं अपनी धारणा आपसे कह रहा हूं-जब मैं क्रोध करता हूं तो मैं उत्तप्त हो जाता हूं और अग्नि की लपटों में अपने आप चला जाता हूं उसी वक्त। तो नर्क में आप चले जायेंगे, ऐसा नहीं है या स्वर्ग में कभी आप चले जायेंगे, ऐसा भी नहीं है। चौबीस घंटों में आप अनेक बार नर्क में होते हैं और अनेक बार स्वर्ग में होते हैं। जब-जब आप क्रोध से भरते हैं, उत्ताप और तीव्र वासना से भरते हैं त ब-तब आप आपने भीतर नर्क को आमंत्रित कर लेते हैं। लोग कहते हैं कि आप न रक में चले जायेंगे या स्वर्ग में चले जायेंगे तो मेरा मानना ऐसा है कि आप में नर क और स्वर्ग, अनेक बार आ जाता है। वह आपकी मानसिक घटना है। कहीं जमी न फोड़ कर नीचे नरक नहीं मिलेगा। और कहीं आकाश में में खोजने से, कहीं कोई स्वर्ग नहीं मिल जायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं