जो लोग भगवान को सहारा समझते हैं, उन्हें भगवान का सहारा उपलब्ध नहीं हो सकेगा - ओशो
जो लोग भगवान को सहारा समझते हैं, उन्हें भगवान का सहारा उपलब्ध नहीं हो सकेगा - ओशो
लोग सोचते होंगे कि मैं आपके हाथ में कोई दीया दे दूंगा , जिससे आपका रास्ता प्रकाशित हो जायेगा तो आप गलती में हैं। आपके हाथ में दीया होगा तो मैं उसे बड़ी निर्ममता से फूंक कर बुझा सकता हूं। मेरी मंशा और मेरा इरादा यही है कि आपके हाथ में, अगर कोई दूसरे का दिया हुआ प्रकाश हो तो मैं उसे फूंक दूं, उसे बुझा दूं। आप अंधेरे में अकेले छूट जाएं, कोई आपका संगी-सथी हो तो उसे भी छीन लूं। और तभी, जब आपके पास दूसरों का जलाया हुआ प्रकाश न रह जाए और दूसरों का साथ न रह जाए, तब आप जिस रास्ते पर चलते हैं, उस रास्ते पर परमात्मा आपके साथ हो जात है और आपकी आत्मा के दीये के जलने की संभावना हो जाती है। सारी जमीन पर ऐसा हुआ है, सत्य की तो बहुत खोज है, परमात्मा की बहुत चर्चा है। लेकिन-लेकिन ये सारे कमजोर लोग कर रहे हैं, ये साथ छोड़ने को राजी नहीं है, न दीया बुझाने को राजी हैं। अंधेरे में जो अ केले चलने का साहस करता है, बिना प्रकाश के, उसके भीतर साहस का प्रकाश पैद | होना शुरू हो जाता है और जो सहारा खोजता है, वह निरंतर कमजोर होता चल | जाता है। भगवान को आप सहारा ने समझें। और जो लोग भगवान को सहारा समझते होंगे वे गलती में हैं, उन्हें भगवान का सहारा उपलब्ध नहीं हो सकेगा।
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