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    धर्म के आस पास कम जोर और साहस हीन लोग इकट्ठे हो जाते हैं - ओशो

    People who are less assertive and courageous gather around religion - Osho


    धर्म के आस पास कम जोर और साहस हीन लोग इकट्ठे हो जाते हैं - ओशो 

            कमजोरों के लिए जगत में कुछ भी उपलब्ध नहीं होता। और जो शक्तिहीन हैं और जिनमें साहस की कमी है, धर्म उनका रास्ता नहीं है। दीखता उलटा है। दिखाता । यह है कि जितने कमजोर हैं, जितने साहस हीन हैं, वे सभी धार्मिक होते हुए दिखा यी पड़ते हैं। कमजोरों को, साहस हीनों को, जिनकी मृत्यु करीब आ रही हो, उनक । घबराहट में, भय में धर्म ही मार्ग मालूम होता है। इसलिए धर्म के आस पास कम जोर और साहस हीन लोग इकट्ठे हो जाते हैं, जबकि बात उलटी है। धर्म तो उनके लिए है, जिनके भीतर साहस हो, जिनके भीतर शक्ति हो, जिनके भीतर अदभ्य  िहम्मत हो और जो खुद अंधेरे में अकेले, बिना प्रकाश के चलने का दुस्साहस करते हों। यह मैं प्राथमिक रूप से आपसे कहूं-दुनिया में यही वजह है कि जब से कमजोरों ने धर्म को चूना है तब से धर्म कमजोर हो गया है। और अब तो सारी दुनिया में कम जोर लाग ही धार्मिक हैं। जिनमें थोड़ी-सी भी हिम्मत है, वे धार्मिक नहीं हैं। जिनमें थोड़ा-सा साहस है, वे नास्तिक हैं और जिनमें साहस की कमी है, वे सब आस्तिक हैं। 

    ओशो 

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