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    अभय आता है साधना से - ओशो

     

    Abhay-comes-to-Osho-from-meditation

    प्यारी भगवती, 

        प्रेम। 

            मनुष्य गुलाम है। क्योंकि, वह अकेला होने से भयभीत है। इसीलिए उसे चाहिए भीड़ संप्रदाय, संगठन । संगठन का आधार भय है। और भयभीत चित्त सत्य को कैसे जान सकते हैं? सत्य के लिए चाहिए अभय। और अभय आता है साधना से, संगठन से नहीं। इसीलिए तो धर्म, संप्रदाय, समाज-सभी सत्य के मार्ग में अवरोध हैं। 


    रजनीश के प्रणाम
    १९-८-१९६९ प्रति : सुश्री एडवानी, बंबई

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