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    जीवन को ही निर्वाण बनाओ - ओशो

    Make-life-only-nirvana-Osho


    मेरे प्रिय, 

        प्रेम। 

            जीवन के विरोध में निर्वाण मत खोजो। वरन जीवन को ही निर्वाण बनाने में लग जाओ। जो जानते हैं, वे यही करते हैं। दो जैन के प्यारे शब्द हैं : "मोक्ष के लिए कर्म मत करो। बल्कि, समस्त कर्मों को ही मौका दो कि वे मुक्तिदायी बन जावें।" यह हो जाता है, ऐसा मैं अपने अनुभव से कहता हूं। और. जिस दिन यह संभव होता है। उस दिन जीवन एक पूरे खिले हुए फूल की भांति सुंदर हो जाता है। और सुवास से भर जाता है। 


    रजनीश के प्रणाम
    १५-८-१९६९ प्रति : स्वामी क्रियानंद, बंबई

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