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    निद्रा में जागरण की विधि : जागृति में जागना - ओशो

    Method-of-awakening-in-sleep-awakening-in-awakening-Osho


    मेरे प्रिय, प्रेम। 

            जागृति में ही जागे। निद्रा या स्वप्न में जागने का प्रयास न करें। जागृति में जागने के परिणाम स्वरूप ही अनायास निद्रा या स्वप्न में भी जागरण उपलब ध होता है। लेकिन उसके लिए करना कुछ भी नहीं है, कुछ करने से उसमें बाधाएं ही पैदा हो सकती हैं, निद्रा तो जागरण का ही प्रतिफल है। जो हम जागते में हैं, वही हम सोते में हैं। यदि हम जागते में ही सोए हुए हैं, तो ही निद्रा भी निद्रा है। जागते में विचारों का प्रवाह हो सोते में स्वप्नों का जाल है। जागने में जागते ही निद्रा में भी जागरण का प्रतिफलन शुरू हो जाता है। जागते में विचार नहीं तो फिर सोते में स्वप्न भी मिट जाते हैं। शेष शुभ। वहां सवको प्रणाम। 

    रजनीश के प्रणाम
    ९-९-६९ प्रति : श्री घनश्यामदास, जनमेजय,


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