सिद्धार्थ उपनिषद Page 91
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कथावाचक वक्ता है, संत नहीं . मन्त्र देने वाला कुलगुरु है, सद्गुरु नहीं. काला जादू अपराध हैं, तंत्र नहीं. ज्योतिष विद्या है, धर्म नहीं. शिवयोग सम्मोहन है, अध्यात्म नहीं.
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दुःख निवारण ढोंग है, स्वामीत्व नहीं. समोसा खिलाकर संकट दूर करने का दावा पाखंड है, कृपा नहीं. बिना प्रेम के संभोग बलात्कार है, प्यार नहीं.
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सत्संग का संबंध निष्कामता से है, नैतिकता से नहीं. सत्य से है, सदाचार से नहीं. अनुभव से है, आख्यान से नहीं. ओंकार से है, संस्कार से नहीं. विवेक से है, व्याख्यान से नहीं. सार से है, असार से नहीं.. सत् से है, असत् से नहीं. ज्योति से है, तमस से नहीं. अमृत से है, मृत्यु से नहीं. मोक्ष से है, मोह से नहीं. राम से है, काम से नहीं. समाधि से है, सदाचार से नहीं. मंगल से है, जंगल से नहीं. शिव से है, शिला से नहीं. कर्म से है, कर्मकांड से नहीं. वर्तमान से है, भूत या भविष्य से नहीं. कर्मण्य से है, फल से नहीं.
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सुमिरन में जो जीता है, संत है. समाधी में जो जीता है, योगी है. ध्यान में जो जीता है, बुद्ध है. मन का मीत (मनेर मानुष) पाने वाला बाउल है. जिक्र में रहने वाला सूफी है. आत्मस्मरण में रहने वाला आत्मज्ञानी है. ब्रह्मस्मरण में रहने वाला ब्रह्मज्ञानी है.