सिद्धार्थ उपनिषद Page 117
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सिद्ध कौन है ? संत गाइड किसी को करें ये जरूरी नहीं है . हमारे सूफी बाबा संत थे . लेकिन उन्होंने किसी को स्प्रिचुअल गाइडेंस नही दिया . सिद्ध का मतलब ये हुआ कि अपने तो परमज्ञान को उपलब्ध हुआ , लेकिन अब गाइड नहीं करना है किसी को , बता नहीं देना है मार्ग : वो सिद्ध हुआ . जैसे हिमालय में जो सिद्ध हो जाते है वो गुरु की भूमिका नहीं निभाते हैं .(374)
स्पिरिट गाइड कौन है ? जब तुम स्पिरिट वर्ल्ड (शिवलोक) से यहाँ आते हो तो उस समय तुम्हारा एक पथ-प्रदर्शक नियुक्त किया जाता है .जो यहाँ संसार में ; कभी मुसीबत पड़ी , कभी निर्णय नहीं ले पा रहे हो , कभी एक्सीडेंट हो गया , कभी कुछ खतरा हो गया : वो तुमको मदद करता है , उसको कहतें है स्पिरीट गाइड और फिर मृत्यु की बेला में वो आता है और तुमको ले जाता है . वो तुम्हारा साथी है . और शायद ही कभी लोग उसको धन्यवाद देते हैं , वो तुम्हारा सबसे प्रिय दोस्त है . स्पिरिट गाइड का PURPOSE सांसारिक गाइडेंस है , आध्यात्मिक नहीं . स्पिरिट गाइड हो सकता है कोई तुम्हारा भाई हो , कोई तुम्हारा मित्र हो ; जो घनघोर सांसारिक हो , वह तुम्हारी मदद के लिए इन रूपों में भी आ सकता है . लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह स्प्रिचुअली डेवलप हो .हाँ , जो संतों का स्पिरिट गाइड होता है वो बहुत ही HIGHLY,A WHOLESOUL होता है .
जैसे मेरे स्पिरिट गाइड " गुरु नानक देव जी " हैं . बाद में मुझे पता चला वही ओशो बनकर आये थे . तो बहुत ही HIGHLY WHOLESOUL जब तुम होते जाते हो तो वैसे ही स्पिरिट गाइड बदलता चलता है .