सिद्धार्थ उपनिषद Page 106
(345)
अंडा दो तरह का होता है- एक शाकाहारी , एक मांसाहारी . जिस अंडे से बच्चा पैदा होगा वह मांसाहारी हो गया . और कुछ अंडे होते हैं ... अंडा तो बना दिया जाता है , पर उससे बच्चे पैदा नहीं होते हैं : वे शाकाहारी अंडे हैं . उसको खा सकते हो .
(346)
आध्यात्म की यात्रा गुरु से शुरू होती है , और गुरु पर पूरी हो जाती है . रास्ते में परमात्मा आता है , रास्ते में... गुरु से शुरू होती है गुरु पर समाप्त होती है .
(347)
क्या बंधन है ? सकाम कर्म बंधन है . किसी फल की आशा से तुम जब कर्म करते हो . और जब उस प्रक्रिया में किसी को सताते हो , किसी को दुःख देते हो , किसी का शोषण करते हो , तो बंधन बन जाता है . कामना बंधन बन जाती है . निष्काम होते हो तो आगे तुम्हारा बंधन नहीं बनता है . आगे बंधन नहीं बनेगा लेकिन मुक्ति में नहीं ले जायेगा . जिस दरवाजे से तुम अंदर गए हो ; अब निकलना होगा तो वहां खड़े रहने से तो नहीं निकलोगे , उलटी दिशा में फिर चलना होगा . कर्म करना पड़ेगा : कर्म बंधन का कारण बना था तो कर्म ही मुक्ति का कारण बनेगा .