सिद्धार्थ उपनिषद Page 104 धूनी चिकित्सा
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धूनी चिकित्सा
धर्म के क्षेत्र में पश्चिमी सम्मोहनविदों की खोज अत्यंत महत्वपूर्ण है. विशेषकर माइकल न्यूटन की खोज चौकाने वाली है, उनकी तीन पुस्तकें , जर्नी ऑफ सोल, डेस्टिनी ऑफ सोल, लाइफ बिटवीन लाइव्स, पराजीवन के क्षेत्र में क्रन्तिकारी दृष्टी प्रस्तुत करती है, आश्चर्य तो ये है की उनकी खोज ईसाई और इस्लाम धर्म की एक जन्म की मान्यता को खारिज कर के सनातन धर्म के अनेक जन्म की मान्यता को स्थापित करती है, यही नहीं , त्रिदेव (ब्रम्हा ,शिव और विष्णु) और देवताओ की सत्ता को भी सिद्ध करती है, ओशोधारा में महाजीवन प्रज्ञा एव धूनी चिकित्सा कार्यक्रमों में सहभागियो के अनुभव वैदिक ऋषियों एवं माइकल न्यूटन के द्वारा उद्घाटित तथ्यों पर मुहर लगाते हैं, धूनी चिकित्सा वैदिक चिकित्सा पद्धति है, ये एक प्रकार का उर्जा दर्शन है, इससे शक्ति और शांति मिलती है, शारीरिक मानसिक एवं दैविक कष्ट दूर होते हैं ,गृह शांत होते हैं , जीवन स्वस्थ सुखी एवं मंगलमय होता है, पूर्वजो की आत्मा को सदगति मिलती है, कर्मबंध नष्ट होते हैं , संकल्पना पूरी होती है , ओशोधारा के माला दीक्षित साधक-साधिका इसमें भाग ले सकते हैं