सूफीज्म रहस्य दर्शियों की एक अदभुत परंपरा है, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिस्ती , बू अली शाह कलंदर, सूफी बाबा शाह कलंदर इस परंपरा के कुछ ऐसे फूल है, जिनकी खुशबू से ओशोधारा का चमन आज भी आबाद है. सूफी बाबा शाह कलंदर ने सदगुरु ओशो सिद्धार्थ जी को न केवल औलिया पद से नवाज़ा है , बल्कि सूफियो के रहस्यदर्शी ग्रुप का हिस्सा भी बनाया है. सूफी बाबा की याद में ओशोधारा नानक धाम ,मुरथल में भव्य कलंदर कुटीर का निर्माण किया गया है, जहा प्रत्येक गुरूवार को संध्या 08.30 से 09.30 तक सूफी दरबार का आयोजन होता है, उसमे भाग लेकर आप भी सूफी मिस्टिक ग्रुप से जुड सकते हैं और अपने संकल्प /उद्देश्य को पूरा करने में उनका सहयोग ले सकते हैं
पुराना चर्च - ओशो एक बहुत पुराने नगर में उतना ही पुराना एक चर्च था। वह चर्च इतना पुराना था कि उस चर्च में भीतर जाने में भी प्रार्थना करने ...
ओशो अमृत वचन
वही प्रकाश, वही अमृत, वही आनंद आपके अंदर देखना चाहता हूँ, जिसने मुझे बदल दिया है। मैं बस आपको उस सपने को पूरा करने के लिए बोल रहा हूं और आपको बुला रहा हूं। यह बोलना कम, बुलाना ही ज्यादा है। जो मिला है, वह सबको देना चाहता हूं। सब बांट देना चाहता हूं। पर बहुत कठिनाई है। सत्य को दिया नहीं जा सकता है -