सिद्धार्थ उपनिषद Page 45
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अभी पूरे देश में दामिनी पर बलात्कार और तत्पश्चात् उसकी मृत्यु पर व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है. पश्चिमी देशों में इस प्रकार की घटनाएं शायद ही कभी होती हैं. सम्भवतः हमारे सामाजिक ढांचे में कुछ बुनियादी कमी है. जब तक हमारा समाज वर्जना पर आधारित रहेगा, तब तक बलात्कार की घटनाएं होती रहेंगी. जब तक हमारा समाज प्रेम के खिलाफ है, लड़के-लड़कियों के सहज रूप से मिलने के खिलाफ है, दोनों के स्कूल और कॉलेज अलग-अलग होंगे, तब तक बलात्कार की घटनाओं पर लगाम नहीं लगाया जा सकता. बलात्कार वे लोग करते हैं, जिनके लिए लड़की एक अपरिचित प्राणी है, एक कमोडिटी है, भोग की. जो लोग सहशिक्षा की पृष्ठभूमि से आते हैं, वे विपरीत सेक्स के प्रति सहज दृष्टी रखते हैं. सह शिक्षा और प्रेम विवाह को बढ़ावा देना ही इस समस्या का समाधान है. वे सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर देने चाहिए जो केवल लड़कों और लड़कियों के लिए चलाए जाते हैं. ऐसे नए स्कूल और कॉलेज खोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जो सिर्फ लड़के-लड़कियों के लिए प्रस्तावित हैं. प्रत्येक शिक्षण संस्थान में विपरीत सेक्स के लिए कम से कम 30 प्रतिशत स्थान सुरक्षित होने चाहिए. जरूरत पड़े तो इसके लिए कानून में संशोधन किया जाना चाहिए.
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कुछ ऐसी संस्थाएं हैं, जो प्रेम विवाह, विजातीय विवाह या सगोत्रीय विवाह करने वालों कों अपमानित, तिरस्कृत या दण्डित करती हैं. ऐसी संस्थाएं गैरकानूनी घोषित की जानी चाहिए जो इस प्रकार की अमानवीय दृष्टि का प्रचार करती हैं. कुछ संस्थाएं हैं, जो लड़कियों द्वारा मोबाइल रखने या खास पोशाक पहनने के खिलाफ फतवें देती हैं. कानून बना ऐसी दकियानूसी और स्वतन्त्रता विरोधी संस्थाओं कों कानूनी रूप से अवैध एवं प्रतिबंधित घोषित कर देना चाहिए.