इस मुल्क में तो गोडसे से भी ज्यादा गांधीवादी गांधी के दुश्मन हैं - ओशो
इस मुल्क में तो गोडसे से भी ज्यादा गांधीवादी गांधी के दुश्मन हैं- ओशो
अभी गुजरात लौटा तो बड़ी गर्मी है। गांव-गांव में गया तो लोगों ने कहा, आप गांधी के दुश्मन हैं। तब मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ! अगर गांधी के कोई दुश्मन हैं इस मुल्क में तो गोडसे से भी ज्यादा गांधीवादी गांधी के दुश्मन हैं। गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की, गांधीवादी गांधी की आत्मा की हत्या करने पर पूरी तरह उतारू हैं। गोडसे की गोली के बाद भी गांधी बच गए हैं पूरी तरह। गांधी को वह गोली नहीं लगी, नहीं लग सकती है। लेकिन गांधीवादी जो गांधी की जय-जयकार करके जिस तरह की गोलियां मार रहे हैं, गांधी का नाम भी पुछ जाएगा। लेकिन वे ही लोग खबर करते हैं कि मैं गांधी का दुश्मन हैं। तब मैं हैरान होता हूं कि गांधी से मेरी दुश्मनी क्या हो सकती है? और कौन गवाह बनेगा? सिवाय गांधी के कोई गवाह नहीं बन सकता था इस मामले में। लेकिन गवाह वे लोग हैं जो गांधी की सब भांति हत्या कर रहे हैं।
यह आपको खयाल नहीं होगा कि दुनिया में आज तक जीसस की हत्या उन लोगों ने नहीं की जिन्होंने ने उन्हें सूली पर लटकाया। जीसस की हत्या की ईसाइयों ने, जो उनके अनुयायी हैं। और सुकरात को उन्होंने नहीं मारा जिन लोगों ने सुकरात को जहर पिलाया था। सुकरात को वे लोग मार सकते हैं जो सुकरात के शिष्य होने के खयाल में पड़ जाएं। सुकरात मरने के करीब था तो उसके एक मित्र क्रेटो ने, उसके एक शिष्य ने पूछा कि आपको सांझ जहर दे दिया जाएगा; हम आपको दफनाएंगे कैसे, इस संबंध में कुछ बताइए। सुकरात ने कहा, देखो मजा, वे मेरे दुश्मन हैं जो मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं और ये मेरे मित्र हैं जो मुझे दफनाने की कोशिश कर रहे हैं! यह देखो मजा कि मेरे मित्र मुझसे पूछते हैं कि दफनाएंगे कैसे! मित्र सदा यही पूछते हैं कि मर तो आप जाओगे, हम दफनाएंगे कैसे।
- ओशो
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