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    जो लोग अंतर में आनंद को अनुभव नहीं करेंगे,वे अंतत: युद्ध में सुख लेंगे - ओशो

    Those who do not feel joy within, will eventually find happiness in war - Osho


     जो लोग अंतर में आनंद को अनुभव नहीं करेंगे,वे अंतत: युद्ध में सुख लेंगे - ओशो 

    आज दुनिया जो इतने युद्ध, इतनी हिंसा, इतनी घृणा, इतने वैमनस्य से भरी हुई है , इसके लिए कौन जिम्मेवार है? इसके लिए वे जिम्मेवार है जिन्होंने परमात्मा का अनुसंधान छोड़ दिया है, अंतरात्मा का अनुसंधान छोड़ दिया है, क्योंकि मेरा मानना यह है और मैं समझता हूं, यह बात आपकी समझ में आ सकेगी कि जो व्यक्ति अपने भीतर आनंद से भरा हुआ नहीं होता, वह व्यक्ति दूसरों को दुख देने में आनंद लेने लगता है। यह दुनिया इतनी दुखी है, क्योंकि इतने दुखी लोग हैं, आनंद शून्य और आनंद रहि त कि उनका एक ही आनंद रह गया है कि वह दूसरों को पीड़ित करें, परेशान करें , दुखी करें। जब वे दूसरों को दुखी देखते हैं तो उन्हें अपने सुखी होने का थोड़ा सा भ्रम पैदा होता है। और अगर ऐसा होता रहा तो युद्ध बढ़ते जाएंगे, हमारे हाथ ए क दूसरे के गले पर कसते जाएंगे और हमारे हृदय कठोर और पत्थर होते जाएंगे। इसका अंतिम परिणाम शायद यह हो कि हम सारे मनुष्यों को समाप्त कर डालें। ह म उसकी तैयारी में हैं। 

            पिछले दो महायुद्धों में दस करोड़ लोगों की हमने हत्या की है। और कोई आदमी मु झे दिखाई नहीं पड़ता जिसका यह खयाल हो कि इन दस करोड़ लोगों की हत्याओं में हमारा हाथ है। और अभी हम तैयारी कर रहे हैं तो बड़ी हत्या की। शायद साम् हिक आत्मघात, एक यूनिवर्सल सुसाइड की तैयारी में हम लगे हैं। यह कोई राजनीतिक वजह नहीं है इसके पीछे और न कोई आर्थिक वजह है। इसके पीछे बुनियादी वजह आध्यात्मिक है। जो लोग अंतर में आनंद को अनुभव नहीं करें गे, उनका अंतिम परिणाम दूसरों को दुख देना, दूसरों की मृत्यु में आनंद लेना होगा । वे अंतत: युद्ध में सुख लेंगे।

    - ओशो 

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