अगर एक बेहतर दुनिया बनानी है तो उसमें मुस्कुराहट बिखेरना जरूरी - ओशो
अगर एक बेहतर दुनिया बनानी है तो उसमें मुस्कुराहट बिखेरना जरूरी - ओशो
मैडम व्लावडस्की जिस गांव में गयी, जिस रास्ते में निकली, अपने साथ हमेशा एक झोले में बहुत से फूलों के बीज लिए रहती थी। बस में बैठी हो, कार में बैठी हो, ट्रेन में बैठी हो, रास्तों के किनारे, खेत में फूल के बीज फेंकती जाती थी। लोगों ने पू छा, तुम पागल हो। उसने लाखों रुपयों के फूलों के बीज अनजान रास्तों पर फेंक दिए। लोगों ने कहा, तुम पागल हो इन बीजों को फेंकने से फायदा? उस महिला ने कहा, जरूर वर्षा आएगी जल्दी ही, यह बीज फूटेंगे, इनमें फूल लगेंगे और कोई उन फूलों को देखकर खुश होगा। लोगों ने कहा, लेकिन तुम दुबारा इस रास्तों से न नि कल सकोगी, और न उन लोगों को खुश देख सकोगी। उसने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर एक बेहतर दुनिया बनानी है तो उसमें मुस्कुराहट बिखेरना जरूरी है, बहुत फूल फैला देने जरूरी हैं।तो मैं आपसे कहूंगा, अगर आप प्रसन्न हैं और आपके जीवन से कांटे नहीं, फूल गिरते हैं, अगर आपके व्यवहार से, आपके विचार से, आपके संबंधों में खुशी बिखरती है तो आप एक ऐसी दुनिया में निर्माण में भागीदार हो रहे हैं, जिसमें युद्ध नहीं हो सकेंगे। जिसमें हिंसा नहीं हो सकेगी। यह बात अजीब लगेगी कि मैं युद्ध के रोकने के लिए यह कहूं । लेकिन मैं जानता हूं, सिवाय इसके कोई उपाय नहीं है। दुखी लोग युद्ध से नहीं बच सकते। दुखी लोग हिंसा से नहीं बच सकते, क्योंकि दुखी लोग दूसरों को दुख देने से नहीं बच सकते हैं। यह तो पहली बात है। और यह प्रत्येक ८ यक्ति को स्मरण रखनी जरूरी है तो उसके जीवन से एक आनंद की फुआर, आनंद की गंध निरंतर उठती रहे। उसके सोते, उठते, बैठते उसके जीवन में एक आनंद प्रकट हो।
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