सिद्धार्थ उपनिषद Page 138
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किसी को जानने के लिए तीन बातें जानना जरूरी है - नाम, रूप और गुण . गोविन्द को भी जानने के लिए भी यही तीन बातें जरूरी हैं. गोविन्द का नाम है - नाद. रूप है - ज्योतिर्कण, कॉस्मिक मैट्रिक्स. और गुण है - नूर, आनंद, प्रेम. और संतों ने इसे ही ' शब्द ' कहा हैं. और इन तीनों को एक साथ जानने वाला ' चैतन्य ' है ..
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स्पिरिट = सूक्ष्म शरीर + आत्मा . जीव = स्पिरिट + बॉडी . जड़ और चेतन का जहाँ मिलन , जहाँ ग्रंथि पड़ जाती है वहां जीवन होता है .
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समाधि और सम्बोधि में क्या अंतर है ? समाधि परमात्मा से मिलन होना और छूट जाना है . सम्बोधि परमात्मा से विवाह हो जाना है .
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जीवन क्या है ? जीवन उत्सव है . परमात्मा अपना प्रेम पक्षियों , पशुओं , पेड़ों और हमारे साथ शेयर करता है . कई के साथ प्रेम की शेयरिंग उत्सव है .