सिद्धार्थ उपनिषद Page 67
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सूफीज्म में कई पद होते हैं. और वे spirit world (आत्मलोक) के माध्यम से संसार का मंगल करते हैं. क़ुतुब से वे शुरुवात करते हैं. जो क़ुतुब होता है एक district या region को सम्हालता है. स्पिरिट वर्ल्ड से समर्थन लेकर वहाँ के मंगल.. लोगो के विचारों में मंगल भाव भरता है, ताकि लोग एक दूसरे का मंगल करें, हित करें. न्यूक्लियर बम नहीं बनाएं, डिस्ट्रक्शन न हो.
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मुख्य रूप से गणेश जी पृथ्वी मंडल के चार्ज में हैं, वरुणदेव जल मंडल के चार्ज में हैं, वायुदेव वायु मंडल के चार्ज में हैं, अग्निदेव हेल्थ - सभी की, केवल आदमियों की ही नहीं,सारे जीव-जंतुओं की. अग्निदेव fire और हेल्थ के इन्चार्ज हैं. उसी तरह इंद्र देव आकाश मंडल के चार्ज में हैं. शिव जी पूरे स्पिरीट वर्ल्ड के गवर्नर हैं. ब्रह्मा world of creation सृजन लोक के गवर्नर हैं. विष्णु संत लोक world of enlightened once संत जहाँ रहते हैं, उसके गवर्नर हैं. और इनको असिस्ट करने के लिए ये पंच देव हैं. और इन पंच देवों को भी असिस्ट करने के लिए अनेक सत्ताएं हैं. जो अपने-अपने ढंग से मंगल करती हैं.
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गौतम बुद्ध का भी मिस्टिक ग्रुप है, जो मंगल करता है. सूफियों का भी मिस्टिक ग्रुप है. उसके हेड 'ख्वाजा साहब' हैं. अजमेर के ' ख्वाजा साहब 'his head of that mystic group. इस मिस्टिक ग्रुप में और लोग भी हैं. पानीपत के ' बू-अली-शाह कलंदर 'one of the important members. सूफियों के मिस्टिक ग्रुप में तीन मुख्य कलंदर होते हैं. जो सारे विश्व के मंगल के लिए लगे हैं. एक चौथी लेडी भी है. और फिर यह पूरे विश्व में कह सकते हो पूरे continent को देखते हैं.
और औलिया just next to कलंदर होता है. और जो कि एक sub-continent का इंचार्ज होता है. जैसे 'निजामुदीन औलिया' अभी हाल-हाल तक indian sub-continent के इंचार्ज थे.
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क़ुतुब के ऊपर कुतबेआजम होता है. कुतबेआजम का मतलब है लगभग समझ लो एक province को देखता है. और कोई जरुरी नहीं कि वो शरीर में ही हो. spirit world (आत्मलोक) का भी कोई व्यक्ति हो सकता है. यदि कैपुबल व्यक्ति जीवित नहीं है, तो जो संत विदेह हो गए हैं उन्हें बिठाया जाता है. अभी 700 वर्ष पहले ' निजामुद्दीन औलिया पद पर बिठाए गए थे, indian sub-continent के. और उनकी नज़र में अब तक कोई व्यक्ति नहीं मिल रह था, जो की औलिया पद पर बिठाया जा सके. अभी हाल ही में तुमने सुना होगा 6 जनवरी (2013) को वही पोस्ट मुझे दिया गया है. 'ख्वाजा साहब', 'बू अली शाह', 'शाह कलंदर'ऐसे करके 7-8 लोगों का उनका ग्रुप है. और वे मिलकर डिसाइड करते है कहाँ क्या होगा. ये उनके यहाँ हायररकी है.