सिद्धार्थ उपनिषद Page 29
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सत् का अर्थ है शाश्वत, अमृत, निरंकार, नादमय, नूरमय आत्मा. चित् का अर्थ है चैतन्य, बोधमय, ज्ञातास्वरूप आत्मा. आनंद का अर्थ है आनंदमय आत्मा.
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सत्यम का अर्थ है निष्काम जीवन. यह सत् के अनुभव पर आधारित होगा.ऐसे जीवन में सम्यक दृष्टि होगी, विवेक होगा, अहिंसा होगी, अक्रोध होगा, अशिकायत होगी, शान्ति होगी, अकंप होगा, सत्य(प्रमाणिकता) होगा, संतोष होगा, सरलता होगी, दया होगी, क्षमा होगी, सहजता होगी, तथाता होगा, अहोभाव होगा.
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शिवम का अर्थ है मंगलमय जीवन. यह चित् के अनुभव पर आधारित होगा. ऐसे जीवन में निडरता होगी, निश्चिन्तता होगी, सर्वमंगल का भाव होगा, परोपकार होगा, सेवा भाव होगा. उसका कर्म बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय लोक कल्याण के लिए होगा.
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सुन्दरम का अर्थ है उत्सवमय जीवन. यह आनंद के अनुभव पर आधारित होगा. ऐसे जीवन में आनंद होगा, उत्सव होगा, प्रफुल्लता होगी, प्रेम होगा, करुणा होगी, मीठी वाणी होगी, सौंदर्य होगा, सृजन होगा, कला होगी, एश्वर्य होगा, साहित्य होगा, काव्य होगा, गीत होगा, नृत्य होगा, रास होगा, हास्य होगा, विनोद होगा.