कोई बुद्धिमान आदमी कभी किसी का अनुयायी नहीं बनता - ओशो जो आदमी भी किसी का अनुयायी बनता है, वह आदमी पहली तो बात है खतरनाक है, डेंजरस है। क्य...
ओशो अमृत वचन
वही प्रकाश, वही अमृत, वही आनंद आपके अंदर देखना चाहता हूँ, जिसने मुझे बदल दिया है। मैं बस आपको उस सपने को पूरा करने के लिए बोल रहा हूं और आपको बुला रहा हूं। यह बोलना कम, बुलाना ही ज्यादा है। जो मिला है, वह सबको देना चाहता हूं। सब बांट देना चाहता हूं। पर बहुत कठिनाई है। सत्य को दिया नहीं जा सकता है -