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    अनासक्ति - ओशो

    5:59:00 am 0

      प्यारी मौनू,       प्रेम।                 अनासक्ति का संबंध वस्तुओं से नहीं, विचार से है। अनासक्ति का संबंध बाह्य से नहीं, अंतस से है। अना...

    अनंत आशा ही पाथेय है- ओशो

    5:58:00 am 0

      प्रिय कृष्ण करुणा,       प्रेम।            प्रभू को खोज में अनंत आशा के अतिरिक्त और कोई पाथेय नहीं है। आशा अंधेरे में ध्रुव तारे की भांति ...

    आत्म-निष्ठा - ओशो

    11:17:00 am 0

      प्रिय कृष्ण करुणा,       प्रेम।            आत्म-निष्ठा से बड़ी कोई शक्ति नहीं है। स्वयं पर विश्वास की सुवास ही अलौकिक है। शांति, आनंद, सत्...

    जीवन को ही निर्वाण बनाओ - ओशो

    11:17:00 am 0

    मेरे प्रिय,       प्रेम।            जीवन के विरोध में निर्वाण मत खोजो। वरन जीवन को ही निर्वाण बनाने में लग जाओ। जो जानते हैं, वे यही करते है...

    जिन खोया तिन पाइयां - ओशो

    11:17:00 am 0

    मेरे प्रिय,       प्रेम।            सत्य कहां है? खोजो मत। खोजने से सत्य मिला ही कब है? क्योंकि, खोजने में खोजने वाला जो मौजूद है। इसलिए, खो...

    न दमन, न निषेध, वरन जागरण - ओशो

    10:17:00 am 0

    प्रिय योग लक्ष्मी,       प्रेम।            दमन आकर्षक बन जाता है। और निषेध निमंत्रण। चित्त के प्रति जागने में ही मुक्ति है। निषेध निरोध नहीं...

    मनुष्य भी बीज है - ओशो

    10:06:00 am 0

    प्यारी योग लक्ष्मी,       प्रेम।            वीज ही वीज नहीं है। मनुष्य भी वीज है। वीज ही अंकुरित नहीं होते हैं। मनुष्य भी अंकुरित होते हैं। ...

    सत्य शब्दातीत है - ओशो

    10:06:00 am 0

    प्रिय योग लक्ष्मी,       प्रेम।            विटगेंस्टीन ने कहीं कहा है : जो न कहा जा सके, उसे नहीं कहना चाहिए। (राज पिबी बंद दवज इमपक, उनेज द...

    अभय आता है साधना से - ओशो

    10:06:00 am 0

      प्यारी भगवती,       प्रेम।            मनुष्य गुलाम है। क्योंकि, वह अकेला होने से भयभीत है। इसीलिए उसे चाहिए भीड़ संप्रदाय, संगठन । संगठन क...

    प्रतिपल मर जाओ - ओशो

    10:06:00 am 0

      प्यारी भगवती,       प्रेम।            पुराने की लीक छोड़ो। लीक पर सिर्फ मुर्दे ही चलते हैं। जीवन सदा नए की खोज है। जो निरंतर नया होने की क...

    सत्य की खोज - ओशो

    10:06:00 am 0

    जयति को सप्रेम,            सत्य को खोजना कहां है ? बस-खोजना है स्वयं में। स्वयं में स्वयं में स्वयं में वह वहां है ही। और जो उसे कहीं और खोज...

    तैरें नहीं, डूवें - ओशो

    10:06:00 am 0

      मेरे प्रिय,       प्रेम।            सत्य तैरने से नहीं, डूबने से मिलता है। तैरना, सतह पर है। डूबना उन गहराइयों में ले जाता है जिनका कि कोई...

    मिटो ताकि हो सको - ओशो

    10:05:00 am 0

      मेरे प्रिय,       प्रेम।            मैं कहता हूं, मिटो ताकि हो सको। बीज मिटता है तब वृक्ष बनता है। बूंद मिटती है तो सागर हो जाती है। और मन...